आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने आरबीआई से पूछा था कि क्या रिज़र्व बैंक को 8 नवंबर से 10 दिसंबर तक किसी सहकारी बैंक के खिलाफ धांधली की शिकायत मिली है..? जवाब मिला, 'नहीं.' राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संदर्भ में मांगी गई जानकारी RBI के पास मौजूद नहीं है.
बता दें कि देशभर से आई गड़बड़ियों की ख़बरों के बाद 14 नवंबर को आरबीआई ने अपने आदेश से सभी जिला सहकारी बैंकों में 1000-500 के पुराने नोट बदलने पर रोक लगा दी थी.
देशभर में 370 सहकारी बैंक हैं और इन बैंकों के ग्राहक किसान ज्यादातर मध्यमवर्गी थे. इस फैसले से उन्हें बहुत नुकसान हुआ. जबकि आरबीआई के जवाब से पता लगता है ऐसा कोई भ्रष्टाचार बैंकों में नहीं था.
नोटबंदी के तीसरे दिन 31 सहकारी बैकों में 5000 करोड़ रुपये जमा होने पर आरबीआई ने इन बैंकों को नए नोट नहीं दिए थे और पुराने नोट जमा करने पर भी पाबंदी लगा दी थी. आरबीआई के इस कदम से इन बैंकों का काम-काज लगभग ठप हो गया था. महाराष्ट्र में इन 31 सहकारी बैंकों के कर्जदार लाखों किसान हैं. छोटी क्रेडिट सोसायटी से सवा करोड़ किसान जुड़े हैं. नोटबंदी में सहकारी बैंकों में तालाबंदी जैसी स्थिति को अब सियासी दल स्थानीय चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं.
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